महावीर स्वामी की करुणा, दया, प्रेम,अहिंसा और मानवता की सेवा का जीवंत तीर्थ है ‘अंकितग्राम’ सेवाधाम आश्रम
जहां 24 घंटे पीड़ितों की सेवा के लिए द्वार खुले रहते हैं

1970 में समाजसेवा को समर्पित सुधीरभाई गोयल की 13 मार्च 1987 को मदर टेरेसा और 1981 में बाबा आमटे से उज्जैन में संस्थागत कार्यक्रम में हुई मुलाकात और प्राप्त मार्गदर्शन के बाद से जीवन की धारा बदल गई इसके बाद आपने अपने व्यापार व्यवसाय को बंद कर सभी प्रकार के सुख और वैभव को छोड़कर उज्जैन से 15 किलोमीटर दूर ग्राम अंबोदिया में 14 बीघा भूमि दान देकर आश्रम की स्थापना की जो आज पीड़ित मानवता की सेवा के क्षेत्र में अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम के नाम से भारत सहित विश्व में अपना विशिष्ट स्थान बना रहा है।

मध्यप्रदेश अनादि सिंहस्थ नगरी उज्जैन में एक ऐसा आश्रम है, जहां पीड़ितों की पीड़ा को दूर करने और उनकी सेवा-सुश्रुषा करने का काम होता है। इस आश्रम का नाम अंकितग्राम सेवाधाम है। यहां कुछ घंटे पहले जन्मे नवजात दिव्यांग शिशु से लेकर वृद्धावस्था के अंतिम दौर में पहुंच चुके पीड़ितों ,शोषितों विक्षिप्त बुजुर्ग महिलाओं और पुरुषों की सेवा, देखभाल और प्यार बांटने का काम बिल्कुल निशुल्क और पूरे तन-मन से किया जाता है।

इस कार्य को कर रहे पीड़ितों में उनके मुस्कराते चेहरों में भगवान का दर्शन करने का भाव रखने वाले सुधीर भाई गोयल को नहीं पता है कि नफरत और घृणा जैसी भी कोई चीज होती है।

धर्म जाति सम्प्रदाय वर्ग से ऊपर उठकर वह स्वयं पीड़ित को आश्रम में लाकर उसको नहलाने, उसके घावों, चोटों का मर्म पथ पट्टी करने, कपड़े पहनाने, बाल काटने, नाखून काटने से लेकर उनको अपने हाथों से खाना खिलाने तक सब कुछ करते हैं इस कार्य में उन्हें इतना आनंद और खुशी मिलती है कि गंभीर से गंभीर रूप से घायल या पीड़ित भी उनके साथ हमेशा हंसता बोलता रहता है और उन्हें देखते ही चेहरे पर मुस्कान आ जाती है, उनके इस अद्भुत रूप और कार्य तथा उनकी सेवा की तन्मयता को देखकर देश के शीर्ष राजनेता, समाजकर्मी, शिक्षाविद, पत्रकार, डाॅक्टर, अधिवक्ता एवं उद्योगपति भी चकित रह जाते हैं वहाँ जो भी आता हैं उनकी सेवा भावना को देखकर हैरानी जताने लगता है और निशब्द हो जाता है वर्तमान में सेवाधाम आश्रम में बिना जाति धर्म और सम्प्रदाय और स्थान भेदभाव के 1100 से अधिक बेघर बेसहारा पीड़ित शोषित निराश्रित दिवयांग मनोरोगी एवं मरणासन्न वृद्ध युवा स्त्री पुरूष एवं विशेष बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं जो संपूर्ण भारत के अलग अलग प्रांतों से बाल कल्याण समितियों, जिला, पुलिस प्रशासन, जेल, न्यायालय के द्वारा भेजे जाते है।

बेसहारों-पीड़ितों की सेवा का तीर्थ है ‘अंकितग्राम’ सेवाधाम आश्रम

1976 में पवनार में आचार्य विनोबा भावे से प्राप्त मार्गदर्शन के बाद चिकित्सक बनने का सपना छोड़ा अनेक सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से दूरस्थ आदिवासी ग्रामीण श्रमिक झुग्गी झोपड़ी और गंदी बस्तियों में निराश्रित मरणासन्न निशक्त वृद्धों मनोरोगियों असहाय पीड़ित शोषित वर्ग की सेवा ,शिक्षा स्वास्थ्य स्वावलंबन और सद्भाव से संबंधित पंच सूत्रीय विकल्पों के माध्यम से अपने सामाजिक कार्य को गति देते हुए विज्ञान स्नातक सुधीर भाई ने 1986 में प्रदेश के प्रथम उज्जयिनी वरीष्ठ नागरिक संगठन की स्थापना की और कुष्ठ धाम हामूखेड़ी में नारकीय जीवन जी रहे महारोगियों की पीड़ा को समझा सुधीर भाई ने मरणासन्न लकवा पीड़ित कुष्ठ रोगी नारायण को अपने ऑफिस के गैरेज में लाकर अंतिम सांस तक उनके घाव की मरहम पट्टी के साथ सेवा की पुष्टि धाम की स्थापना कर उन्हें शिक्षा और स्वावलंबन के साथ जीवन उपयोगी सुविधाएं उपलब्ध कराने हेतु लंबा संघर्ष किया परिणामस्वरूप आज अनेक महारोगी आत्म स्वाभिमान के साथ स्वावलंबी जीवन व्यतीत कर रहे है। कुष्ठ धाम में बच्चों और महिलाओं की शिक्षा, प्रशिक्षण केंद्रों की व्यवस्था की।

'अंकितग्राम' सेवाधाम आश्रम उज्‍जैन - गतिविधियॉं

Events & Functions

शाजापुर जिले के जामनेर में कथावाचक पंडित श्रीराम शर्मा श्री केशरीनन्दन धाम, बड़वई के सान्निध्य…

Events & Functions

अंकितग्राम’, सेवाधाम आश्रम में महावीर जयन्ती के उपलक्ष में भव्य दर्शनीय महावीर प्रतिमा पर पुष्प…

Events & Functions

महावीर स्वामी की करुणा, दया, प्रेम,अहिंसा और मानवता की सेवा का जीवंत तीर्थ है ‘अंकितग्राम’…