सनातन धर्म के अनुसार सेवा परमो धर्म का जीवंत उदाहरण है सेवाधाम
-डाॅ. अर्चना मजूमदार
( सदस्य, राष्ट्रीय महिला आयोग, भारत शासन )

मानव सेवातीर्थ अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम में मध्यप्रदेश के शासकीय दौरे पर आई डाॅ. अर्चना मजूमदार सदस्य राष्ट्रीय महिला आयोग भारत शासन ने उज्जैन प्रवास के दौरान आश्रम में हो रहे सेवा कार्यों का अवलोकन कर बच्चों, युवाओं एवं बुजुर्ग महिलाओं एवं बालिकाओं से आत्मीय मुलाकात की और निवासरत 1100 से अधिक पारिवारिक सदस्यों की सेवा को अद्भूत बताया। उन्होंने अनेक महिलाओं से जो मानसिक रूप से विक्षिप्त और पीड़िताओं से बातचीत की, बच्चों को स्नेह दिया और इनके लिए समुचित ईलाज और आश्रम में मनोरोग चिकित्सकों की स्थाई डेस्क प्रारंभ करने हेतु भी आश्वस्त किया। श्रीमती मजूमदार ने कहा कि सेवाधाम में अनेक महिलाओं और बच्चियों की साल-सम्हाल चुनौती भरा कार्य है, इस कार्य में महिला बाल विकास, चिकित्सा विभाग और शासकीय और अशासकीय संस्थाओं के इंटर्नस को भी सेवा में रूचि लेना होगी इस हेतु भी वे प्रयास करेंगी। आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल, श्रीमती कांता भाभी, मोनिका दीदी, गोरी दीदी सहित आश्रम के विशेष बच्चों ने मुख्य द्वार पर आत्मीय अगवानी कर बच्चों ने आधुनिक योगा एवं मलखम्ब का प्रदर्शन बताया। सद्गुरू स्वाध्याय मंदिर में सद्गुरूदेव के समक्ष विकास दीप प्रज्वलित कर गौ सेवा की।

डाॅ. मजूमदार ने कहा कि यह सेवा कार्य केवल शब्द से बया नही हो सकता, यह सेवा कार्यक्रम चल रहा है इसमें वृद्ध, युवा एवं बच्चे महिलाऐ, बीमार बुजूर्ग, दिव्यांग, मानसिक दिव्यांग जिन्हें घर वाले रखने को तैयार नही है इन सभी दुखी जनों के लिए यहां उनको भगवान मान कर सेवा कार्य हो रहा है, यह सेवा का सेक्टर है ऐसे लोगो को जिन्हें सरकारी रूप से सहारा नही मिल पाता है उनकी सुधीर भाई अपने मन से प्रण से सेवा करते जा रहे है, यह तो बहुत बड़ा कार्य है, इनके मन में सेवा कार्य है। आज जो मैंने सेवाधाम को देखा मैं बहुत ही अभिभूत हूं यह सेवा कार्य 2-4 घण्टे में नही देखा जा सकता इसके लिए 2 दिन यहां रूककर समझना होगा। हमारे सनातन में ही सेवा परमो धर्म है और सुधीर भाई ने भगवान रूप में पीड़ितो को प्यार, दुलार देकर इनके सर्वांगीण विकास के साथ चिकित्सा कर उनको जीवन दान दे रहे है। यहां के 2 साल के छोटे बच्चे भी हमारी भारतीय संस्कृति को सुरक्षित करते हुए ओम् भूर्भुवः स्वः का मंत्रोच्चार करते हुए हमारी नई पीढ़ी भारत को ओर आगे लेकर जाने का प्रयास कर रहे है। डाॅ. मजूमदार ने आश्वस्त किया है कि महिलाओं के चिकित्सा एवं अन्य क्षैत्र में जहां मेरी आवश्यकता होगी मैं हमेशा तत्पर रहूंगी

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