सेवाधाम के उर्जा केन्द्र अंकित के 33वें पुण्य स्मरण पर प्रार्थना के साथ पुष्पांजलि प्रदान…
पहली बार पीड़ित शोषित, दुराचार की शिकार माताओं सहित दिव्यांग बच्चों, युवाओं एवं बुजूर्ग मंच पर देवताओं के रूप में थे और उन्हें लगाए छप्पन भोग
‘अंकितग्राम’ सेवाधाम आश्रम में गौ माता की साक्षी में अनूठा आयोजन
पूरे भारत में मंदिरों में 56 भोग लगाने की धार्मिक प्रथा प्रचलन में है लेकिन पीड़ित, शोषित, दुराचार की शिकार माताओं, दिव्यांग बच्चों, युवा एवं बुजूर्गों सहित समाज से दुत्कारें, अस्वीकारें 20 से अधिक जीवंत दिव्यात्माओं को ईश्वर का स्वरूप मानकर 56 भोग लगाकर अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम में निवासरत ऐसे ही 950 से अधिक आश्रमवासियों को गौ माता की साक्षी में 56 भोग का प्रसाद वितरण किया, इस अवसर पर हामूखेड़ी के महारोगी विशेष रूप से अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस 56 भोग की विशेषता यह थी कि जिन्हें समाज ने स्वीकार नही किया उन्हें ईश्वर की प्रतिकृति के रूप में मंच पर विराजित किया और उन जीवन्त आत्माओं के सम्मुख 5़6 भोग लगाए गए संभवतया विश्व में इस तरह का यह प्रथम एवं अनूठा आयोजन किया गया। आयोजन की धारणा को लेकर अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने बताया कि धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मूर्तियों के आगे पूरे भारत वर्ष में इस तरह के आयोजन होते है लेकिन विश्व समुदाय को मानवता का संदेश देने के लिए और सेवाधाम आश्रम इस जैसे सभी सेवालयों में रहने वालो को ईश्वर का रूवरूप माना जाए इसी संदेश को आगे बढ़ाने के लिए यह अनूठा आयोजन किया गया। अंकित ग्राम सेवाधाम आश्रम में पधारे विश्व के अनेक धर्म गुरूओं ने मानव सेवा का अनुपम तीर्थ बताया है और कहा है कि चारों धाम के साथ पांचवा धाम सेवाधाम है जहां अनेक जीवन्त देवों का पूजन एवं प्रसादी प्रतिदिन लगाई जाती है।
यहां 950 से अधिक दिव्य आत्माएं साक्षात प्रभु के रूप में निवास करती हैं। इन जीवंत दिव्य आत्माओं के लिए दिव्य सेवकों द्वारा अन्नकूट का आयोजन बुधवार दोपहर 3 से शाम 5 बजे तक 33 करोड़ देवी देवताओं का प्रतिनिधित्व करने वाली गोमाता की साक्षी में सम्पन्न हुआ। पहली बार आश्रमवासियों में से ही 20 से अधिक निवासियों का देवस्वरूप श्रृंगार कर छप्पन भोग रखे और दण्डी आश्रम के वेद पाठी बच्चों द्वारा मंत्रोच्चार के साथ प्रसाद लगाने के बाद आश्रमवासियों को छप्पन भोग का भोजन कराया जाएगा। इस अवसर पर डाॅ. सचिन गोयल, अनिता गोयल, श्रीमती कांता गोयल, गोरी गोयल, दिल्ली से उषा बगड़िया, उदयपुर से शशि बंसल, संजय बंसल आदि उपस्थित रहे।
कोई शिव, कोई हनुमान जी तो कोई मां सीता बनी
मंच पर सेवाधाम आश्रम में ही निवास करने वाले 20 से अधिक शोषित, पीड़ित शिव, पार्वती राधा, कृष्ण, राम लक्ष्मण ,सीता, हनुमान और अन्य देवी देवताओं के रूप में मौजूद थे जिनका पूजन सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल और कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित अतिथियों ने किया ।56 भोग में फ्रूट ,मिठाई, नमकीन और टॉफियां के साथ विशिष्ट व्यंजन का भोग लगाया भोग के बाद पकवान आश्रम में रहने वालों को प्रसाद स्वरूप वितरित किए। इस अवसर पर जीवंत देवताओं की आरती भी की गई।