सेवाधाम जैसा मानव सेवा कार्य मैंने किसी संस्था में नही देखा…
– थावरचन्द गेहलोत, राज्यपाल कर्नाटका

यह भी कहा- मैं देश की अनेक संस्थाओं में गया हूं किन्तु इस प्रकार की सेवा मैंने कहीं नही देखी, इसी कारण मुझे सुधीर भाई जब भी बुलाते है तो में सह्रदयता के साथ आ जाता हूं।

थावरचन्द गेहलोत राज्यपाल को सेवाधाम राष्ट्रीय गौरव सम्मान,
डा.शंकर कुमार सान्याल को सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्रसेवी सम्मान एवं

सतीश मालवीय विधायक को अंकितग्राम, ग्रामोदय सम्मान से सम्मानित कर पौधारोपण किया

अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम उज्जैन में महात्मा अंकित की 41वीं जन्म जयंती पर ‘अंकितोत्सव’ अंतर्गत 34वें राष्ट्रीय वर्षा मंगल महोत्सव एवं मित्र मिलन समारोह का मुख्य अतिथि कर्नाटका राज्यपाल थावरचंद गेहलोत विशेष अतिथि सतीश मालवीय विधायक घट्टिया एवं डॉ.शंकर कुमार सान्याल, राष्ट्रीय अध्यक्ष हरिजन सेवक संघ एवं आश्रम संस्थापक सुधीर भाई सहित 22 राज्यों से आए नरेश यादव पूर्व राज्य सभा सदस्य, राजू भाई परमार पूर्व राज्य सभा सांसद, प्रेमा करियप्पा पूर्व राज्यसभा सदस्य, पद्मश्री उमाशंकर पाण्डे जल यौद्धा, श्याम बंसल, पूर्व अध्यक्ष उज्जैन विकास प्राधिकरण, पद्मश्री धर्मपाल सेनी, श्रीमती कांता भाभी, उर्मिला श्रीवास्तव, प्रसिद्ध आर्टिस्ट हिना चक्रवर्ती, डॉ.निशा बाल त्यागी आदि की उपस्थिति में सद्गुरू रणछोड़दासजी महाराज, महात्मा गांधी एवं महात्मा अंकित के चित्र के समक्ष विकास दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में माननीय थावरचन्द गेहलोत का सम्मान कर ‘सेवाधाम राष्ट्रीय गौरव सम्मान’ से सम्मानित किया। साथ ही डा.शंकर कुमार सान्याल को सम्राट विक्रमादित्य राष्ट्र सेवी सम्मान एवं सतीश मालवीय विधायक घट्टिया को अंकितग्राम, ग्रामोदय सम्मान से सम्मानित किया। दृष्टिबाधित भोली अग्रवाल द्वारा वैष्णव जन तो तेने कहिए गीत सुनाया। इस अवसर पर प्रसिद्ध आर्टिस्ट हिना चक्रवर्ती द्वारा बनाई सुधीर भाई की पेंटिंग भी भेंट की गई। कार्यक्रम का संचालन संजय राय एवं आभार डा. निशा बाला त्यागी सचिव हरिजन सेवक संघ ने माना।

कर्नाटका के राज्यपाल महामहिम थावरचन्द गेहलोत का मुख्य द्वार पर आश्रम संस्थापक सुधीर भाई, श्रीमती कांता भाभी, मोनिका दीदी, गोरी दीदी एवं हरिजन सेवक संघ के समस्त पदाधिकारियों सहित आश्रम के विशेष बच्चों द्वारा तैयार सद्गुरू बैण्ड एवं माउली गीत से स्वागत सम्मान किया गया। इस अवसर पर थावरचन्द गेहलोत एवं माननीय अतिथियों द्वारा अतिरिक्त कक्ष निर्माण का लोकार्पण किया। सुधीर भाई ने बताया कि थावरचन्द जी गेहलोत द्वारा पूर्व में राज्यसभा निधि से अतिरिक्त कक्ष निर्माण हेतु राशि प्रदत्त की गई थी उसी हाल का लोकार्पण माननीय के कर कमलों द्वारा कर महात्मा गांधी को सूतांजलि अर्पित कर पौधारोपण किया।

माननीय राज्यपाल ने उद्बोधन में कहा कि -सुधीर भाई सेवाधाम आश्रम की आत्मा है, मैं यहां पाँच बार आ चुका हूं, आश्रम को देखकर के प्रभावित हुआ। मैं मनुष्य हूं मानवीयता मेरे में है और जो सेवा कार्य सुधीर भाई कर रहे है उन सेवा कार्यों के लिए क्या सहयोग देना चाहिए मानवता के लिए मैंने महसूस किया और समय-समय पर सरकार एवं मैंने व्यक्तिगत रूप से योगदान दिया है। यह संस्थान प्रेरणादायी है यहां से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। व्यक्ति जन्म लेता है कमाता है खाता है परन्तु हमारी संस्कृति कहती है सर्वे भवंतु सुखिनः सर्वे संतु निरायमया मतलब सब सुखी हो, सब निरोगी हो, रोग व्यक्ति के हाथ में नही है सम्पन्न लोग इस बात को ध्यान में रखकर के सहयोग करे तो गरीब वर्ग के व्यक्ति की पूर्ति में योगदान दे सकते है, तो योगदान देने का प्रयास करना चाहिए यह मेरा मन कहता है। मैं देश की अनेक संस्थाओं में गया हूं किन्तु इस प्रकार की सेवा मैंने कहीं नही देखी, इसी कारण मुझे सुधीर भाई जब भी बुलाते है तो में सह्रदयता के साथ आ जाता हूं।

प्रो.डॉ.शंकरकुमार सान्याल ने कहा कि मैंने मदर के कार्यों को करीब से देखा है उन्हें मानता भी हूं किन्तु कुछ वर्षों पहले जब में सुधीर भाई से मिला और पूर्व में यहां आने का मौका मिला और मैंने जो सेवा देखी और आज तक लगातार उन्हें सेवा करते ही देखता हूं। मैं तो उन्हें अब फादर टैरेसा कहने लगा हूं। सुधीर भाई हरिजन सेवक संघ केन्द्रिय समिति के सदस्य भी है। उन्होंने मुझे हरिजन सेवक संघ की राष्ट्रीय स्तर की बैठक उज्जैन में आयोजित करने हेतु कहा तो मैंने सहसा स्वीकृति दी आर आज 22 राज्यों से आए गांधीवादी विचारकों ने सेवा को और करीब से देखा हम तीन दिवस से यहां है वाकई में सुधीर भाई को राष्ट्र का सर्वोच्च पुरस्कार प्राप्त हो ऐसी मेरी अभिलाषा है।

सतीश मालवीय विधायक ने अपने उद्बोधन में कहा कि हमारे क्षेत्र में विश्व स्तरीय मानव सेवा संस्थान है और सुधीर भाई मानवसेवी संत के रूप में बच्चों, युवाओं और बुजूर्गों की सेवा कर रहे है, माननीय राज्यपालजी ने भी मुझे कहा कि आप तन-मन-धन से सुधीर भाई को सहयोग करों। मैं आज तीन घोषणाऐं कर रहा हूं कि आश्रम परिसर में पैवर्स ब्लाक अलग अलग चरणों में लगाए जाऐंगे ताकि दिव्यांगजनों को चलने फिरने में कठिनाई ना हो, सुधीर भाई यदि हमें जगह उपलब्ध कराए तो माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा पौधारोपण कार्यक्रम के तहत हम उसे सुन्दर गार्डन बनाऐंगे जिसे ग्रामवासी लाभ प्राप्त कर सके।

सुधीर भाई गोयल ‘भाईजी’ ने कहा कि मैं अभी अपने सेवा के कार्य से पूर्ण रूप से संतुष्ट नही हूं मुझे ओर अधिक कार्य करना है। जब तक भारत में एक भी दिव्यांग, निराश्रित, बेघर, बीमार, मरणासन्न, परित्यक्त मानव शेष है तब तक मेरा कार्य यूं ही निरंतर जारी आप सभी के सहयोग से जारी रहेगा, यह मेरा संकल्प है। मेरी अंतिम अभिलाषा भी यही है कि मुझे मृत्यु उपरांत मोक्ष नही चाहिए पुनः इस धरती पर मनुष्य योनि में जन्म लेकर मानव सेवा कार्य करू ऐसी मेरी भावना है।

 

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