सेवाधाम और सुधीर भाई का कार्य अन्त्योदय के विचारों से प्रेरित है।  

- नितीन गड़करी

‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम के परोक्ष समाजसेवी मास्टर अंकित गोयल के 39वें जयन्ती पर्व पर 39 दिवसीय 32वें वर्षा मंगल महोत्सव ‘‘अंकितग्राम वर्षा मंगल राष्ट्रोत्सव’’ पर संस्थापक सुधीर भाई द्वारा भारत देश के सच्चे सपूत एवं प्रख्यात शिल्पी, केन्द्रिय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग जहाजरानी, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण भारत शासन एवं मुख्य संरक्षक अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम, उज्जैन श्री नीतिन गड़करीजी को आमंत्रित किया गया किन्तु उनकी व्यस्तता के चलते वह आश्रम नही आ पाए किन्तु उन्होंने इस अवसर पर अपने विचार प्रदत्त कर कहा कि –

अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम के इस कार्यक्रम में मुझे शरीक होने का मौका मिला यह मेरा परम भाग्य है, आदरणीय सुधीरजी के आमंत्रण पर मुझे वहां आने का अवसर भी मिला और उसमें विशेष रूप से इस आश्रम की ओर से 39 साल से विशेष रूप से अनाथों की जो सेवा हो रही है वह मैंने नजदीक से भी देखी है। मातृसेवा संघ से ऐसे अनाथ बच्चों को लेकर अपने साथ लेकर सुधीर भाई ने उनके जीवन को बदल दिया ऐसे समाज में अनेक सालो तक समाज के लिए अपने जीवन को समर्पित करके इस अंकितग्राम सेवाधाम आश्रम के लिए सुधीर भाईजी ने अपना जीवन समर्पित किया है, इनको जो सहयोग करने वाले जो महानुभव है वो भी विशेष रूप से अभिनन्दन के पात्र है। समाज में ऐसे कार्य को आर्थिक, सामाजिक सभी प्रकार के समर्थन की आवश्यकता होती है। सुधीर गोयलजी के जीवन में उन्होंने यह जो कार्य शुरू किया है यह अन्त्योदय के विचारों से ही सम्बंधित है। समाज के जो शोषित है, पीड़ित है, दलित है सामाजिक, आर्थिक शैक्षणिक दूसरे पिछड़े हुए अनाथ है, जिनके पालन करने के लिए कोई नही है, जिनके पास खाने के लिए रोटी नही है, शरीर पर कपड़ा नही है और रहने के लिए घर नही है ऐसे दरिद्र नारायण को हम भगवान माने उसको आधार दे और उनकी सेवा करे यही सही धर्म है। हमारे महाराष्ट्र में तुकाराम महाराज जो थे उन्होंने बहुत सही बात कही है ‘‘जे का रंजले गांजले, त्यासि म्हणे जो आपुलें, तो चि साधु ओळखावा, देव तेथें चि जाणावा।’’ तुकाराम महाराजजी ने बताया यही भाव मुझे लगता है सुधीर भाई अपने जीवन मे एक प्रकार से भगवान की सेवा इन लोगो की सेवा करते हुए कर रहे है। मुझे आमंत्रित किया था मेरी आने की बहुत इच्छा भी थी पर मैं पार्लियामेंट सेशन शुरू है कल तक पार्लियामेंट दिल्ली में था आज ही मैं नागपुर में आया हूं और इसलिए स्वाभाविक रूप से नागपुर में भी जनता से सम्पर्क करने का मेरा दिन है इसलिए मैं आ नही पाया इसलिए क्षमा प्रार्थी हूं। भगवान से में हाथ जोड़कर अभिवादन करते हुए प्रार्थना करता हूं कि सुधीरजी के सेवाधाम आश्रम को भगवान की तरफ से अच्छा आर्शीवाद मिले, जनता का आर्शीवाद उन्हें आलरेडी है और जो धनवान लोग है वह उनके इस कार्य के लिए एक सेवा करने के लिए उनके आश्रम के पीछे अपनी पूरी शक्ति के साथ खड़े रहे और जो वह सेवा कर रहे है वही सेवा उनके हाथ से होती रही उनको भगवान ने अच्छा दीर्घायुश्य, निरोगी जीवन देना चाहिए और उनके इस कार्य में मिशन में काम करने वाले उनके जैसे हजारों कार्यकर्ता उनको मिलने चाहिए और एक दिन ऐसा आएगा कि हमारे समाज में कोई अनाथ नही होगा कोई दुर्बल नही होगा, कोई दिव्यांग नही होगा। सब अपने पैरों पर स्वाभिमान के साथ खड़े होंगेे ऐसे समाज की ओर देश की रचना एक न एक दिन निश्चित रूप से होगी यही मेरा पूर्ण विश्वास है। अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम को 39 साल पूरे करने के उपलक्ष्य में मेरी बहुत-बहुत शुभकामनाऐं और शुभेच्छा। सुधीर भाई को और उनके साथ काम करने वाले सभी कार्यकर्ताओं का हाथ जोड़कर उनका बहुत-बहुत अभिनन्दन और उसके साथ अभिवादन बहत-बहुत धन्यवाद, नमस्कार।