गांधी-विनोबा विचार प्रवाह के देश के 11 प्रांतों से आए प्रतिभागी पहुंचे सेवाधाम।  

‘अंकित ग्राम’ सेवाधाम आश्रम में राष्ट्रीय ध्वज के जन्म दिवस एवं अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम के परोक्ष समाजसेवी मास्टर अंकित गोयल के 39वें जयन्ती पर्व पर 39 दिवसीय 32वें वर्षा मंगल महोत्सव ‘‘अंकितग्राम वर्षा मंगल राष्ट्रोत्सव’’ दिनांक 22 जुलाई 2023, शनिवार को प्रातः 11 बजे तीन दिवसीय नंदिनी लोकमित्र राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ भारत के जाने माने पर्यावरण एवं स्वच्छता कर्मयोगी के रूप में विख्यात पर्यावरणीय स्वच्छता संस्थान के अध्यक्ष तथा गांधीजी के साबरमती आश्रम अहमदाबाद के मैनेजिंग ट्रस्टी जयेश भाई पटेल के मुख्य आतिथ्य, जमनालाल बजाज पुरस्कार से सम्मानित विमला बहन, पद्मश्री प्रहलाद सिंह टिपानिया, संजय राय महात्मा गांधी द्वारा 1932 में स्थापित हरिजन सेवक संघ दिल्ली के राष्ट्रीय सचिव, डॉ अरविन्द मित्तल, राष्ट्रीय सहसंयोजक (मध्य प्रदेश एवं छत्तीसगढ़) विश्व धर्म चेतना मंच श्री ब्रह्मर्षि आश्रम, तिरूपति, वैदिक ज्योतिष हेमन्त कौसर, माताजी श्री निर्मलादेवी सहजयोग के प्रमुख अनुयायी राजेश अग्रवाल सहित गांधी विनोबा विचार प्रवाह के देश के 11 प्रांतों से आए प्रतिभिागियों की वरद उपस्थिति में सम्पन्न होने जा रहा है।

सुधीर भाई ने बताया कि मास्टर अंकित की स्मृतियों को जीवन्त रखने एवं जनमानस में पर्यावरण जागरूकता संदेश देने हेतु 39 दिवसीय महोत्सव विगत 32 वर्षों से अनवरत जारी है, यह आयोजन राष्ट्रीय स्तर पर संचालित किया जा रहा है। उक्त आयोजन में देश-विदेश से आने वाले आंगतुकों को सम्मिलित किया जाता है, इस वर्ष समारोह के शुभांरभ अवसर पर रमेश भइया संस्थापक विनोबा सेवा आश्रम, उत्तरप्रदेश के सहयोग से गांधी विनोबा विचार प्रवाह द्वारा प्रेरित तीन दिवसीय नंदिनी लोकमित्र राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन वृहद स्तर पर रखा गया है।

नंदिनी लोकमित्र राष्ट्रीय सम्मेलन के सूत्रधार रमेश भइया ने बताया कि विनोबा विचार प्रवाह के माध्यम से इस वर्ष देश के 11 स्थानों पर यह सम्मेलन किए जा रहे है और बाबा विनोबा ने वर्ष 1973 आज से पचास वर्ष पहले पवनार में स्त्री शक्ति जागरण हेतु भगिनी सम्मेलन आयोजित किया था जिसमें हर प्रदेश की बहनों को आमंत्रित किया गया था, उसी स्मृति में 11 राज्यों में स्त्री शक्ति जागरण हेतु यह शिविर आयोजित किए जा रहे है जिसमें पहले दिन महापुरूषों के द्वारा स्त्री शक्ति की जो अवधारणा बताई गई है जिसकी चर्चा विस्तृत रूप में की जावेगी। विनोबाजी ने महिला को महान बनने के जो सूत्र दिए है उनकी चर्चा पूरे दिवस की जाती है। दूसरे दिन ब्र्रह्म विद्या का मजदूरी के क्षैत्र में प्रयोग करने वाली आध्यात्मिक संस्था ब्रह्म विद्या मंदिर पवनार पर चर्चा केन्द्रित होती है। तीसरे दिवस देशभर से आई हुई बहनों की अपेक्षा जानने का प्रयास होता है। अभी तक पहला नंदिनी शिविर पर्यावरणीय स्वच्छता संस्थान, सुघड़, गांधीनगर, गुजरात, दूसरा बाघधारा संस्था, बांसवाड़ा, राजस्थान, तीसरा ग्लेरियस अकादमी संस्था, माधव बाजार, वाराणसी, चैथा परमार्थ आश्रम, ऋषिकेश उत्तराखण्ड, पाँचवा गांधी ग्राम विकास केन्द्र, चारमण्डली, भोपाल में आयोजित किए जा चुके है, जिसमें लगभग 500 से अधिक बहने अपनी सहभागिता कर चुकी है, और छंटा सम्मेलन अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम, उज्जैन में आयोजित किया जा रहा है जिसमें गुजरात, महाराष्ट्र, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, उत्तराखण्ड, उत्तरप्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, झारखण्ड, आंध्रप्रदेश तथा मध्यप्रदेश के 100 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे है। राष्ट्रीय युवा योजना, भारत के सलाहकार अजय कुमार पाण्डे, जल संरक्षण पर पद्मश्री प्राप्त जलयोद्धा उमा शंकर पाण्डे, दिल्ली युनिवर्सिटी की प्रो. डाॅ. भारती देवी, बापा आश्रम गांधी आश्रम दिल्ली की प्रमुख डाॅ. निशाबाला त्यागी, झारखण्ड की आदिवासी नेता गीता सिंह, चम्पारन बिहार में गांधी विनोबा का कार्य करने वाली शत्रुघ्न झा, हरदोई उत्तरप्रदेश से अमरीश कुमार, उत्तरप्रदेश वरिष्ठ पत्रकार आर.एल. पाण्डे, आंध्रप्रदेश से सद्गुरू मण्डल की प्रमुख कविता बहन, गुजरात के सफाई विद्यालय के प्रमुख धीरूभाई पुरबिया, विश्वमित्र के नाम से विख्यात पूना के योगेश मथुरिया, राजस्थान, बीकानेर के कृष्णा शक्ति, बिनोबाजी के आश्रम गांव पवनार की डाॅ. शुभांगी हिवरे, प्रिती मेघे, तथा डाॅ. अशोक हिवरे, भूदान आंदोलन की क्रांतिकारी महिला नेता राजोदेवी, इंदन कुमार तथा पुनिया के राजेन्द्र भाई, ग्राम शिल्पी से श्रीमती स्नेहल, जलदीप एवं अल्पेश, धुलिया से शिवाजी भावे संस्थान की प्रमुख सुश्री प्राची नरेन्द्र, मउ-उत्तरप्रदेश समाजवादी चिंतक सुन्दरलाल सुमन, उत्तरप्रदेश राज्य के कृषक समृद्धि आयोग के सम्मानीय सदस्य श्रीकृष्ण चैधरी, छत्तीसगढ़ युवा योजना के विकास प्रजापति, क्रांतिबहन बिहार, हरिजन सेवक संघ प्रयागराज के सचिव डाॅ. सुरेश नारायण शुक्ला, हरियाणा की ग्राम स्वराज की वाहक सविता बहन सहित अनेक प्रांतों से प्रतिभागी भाग ले रहे है।

अंकितग्राम सेवाधाम में 39 दिवसीय होंगे विविध आयोजन।  

अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम की समन्वयक मोनिका-गोरी गोयल ने बताया कि 32वां वर्षा मंगल महोत्सव दिनांक 22 जुलाई 2023 से 29 अगस्त 2023 तक अनवरत जारी रहेगी। 39 दिवसीय महोत्सव के अंतर्गत बिल्वपत्र, फल, नीम, बड़, पीपल एवं औषधीय गुणों से परिपूर्ण पौधों का रोपण वनवासी एवम् ग्रामीण क्षैत्रों के साथ सेवाधाम आश्रम, गंभीर बांध क्षैत्र एवं अनेक राज्यों में होगा। पौधारोपण के साथ राष्ट्रीय ध्वज जन्मदिवस व विविध जयंती पर्व मनाए जावेंगे। आदिवासी अंचलों में महिलाओं एवं बालिकाओं के स्वस्थ जीवन हेतु निःशुल्क केरियर गाईडेंस, प्रशिक्षण में कम्प्यूटर, हस्तशिल्प, मूर्तिकला, राखी, मलखम्ब, दीपक-बाती, विविध भाषा ज्ञान, सांस्कृतिक, चित्रकला, प्राथमिक स्वास्थ्य संरक्षण एवं विविध शिविर जिनमें योग, प्राकृतिक चिकित्सा, दन्त चिकित्सा, फिजियोथैरेपी, नेत्र चिकित्सा, सामान्य स्वास्थ परीक्षण सहित दिव्यांगों के परीक्षण हेतु विशेष शिविरों का आयोजनों के साथ जीवदया, नेकी की दिवार एवं नारायण सेवा के विविध आयोजन किए जावेंगे

अंकित का जन्म 22 जुलाई 1984 को कांता-सुधीर भाई गोयल की प्रथम संतान के रूप में हुआ, जन्म के बाद से ही वे पिता के लिए लक्की साबित हुए, पिता के व्यवसाय और सामाजिक क्षेत्र को नयी उचाईयाँ प्राप्त हुई इसके साथ-साथ सभी प्यार से उन्हें लक्की कहते थे।

लक्की के जीवन काल में ही सुधीर से सुधीर भाई के रूप में जाने जाने लगे, मदर टैरेसा-बाबा आमटे के सम्पर्क में आए। 1986 में प्रदेश के प्रथम उज्जयिनी वरिष्ठ नागरिक संगठन की स्थापना हुई, 1989 में व्यापार-व्यवसाय से निवृत्त हो ‘दादा-दादी’ आश्रम के रूप में सेवाधाम आश्रम की स्थापना की, सेवाधाम आश्रम में उन्होंने अपने नन्हें हाथों से आश्रम की बंजर भूमि में भारत स्काउट्स गाईड के कैम्प के साथ श्रमदान किया, आवास निर्माण में सहयोगी बने, पौधे लगाए जो आज वृक्षों के रूप में पूरे आश्रम के पर्यावरण को सौंदर्य और शीतलता प्रदान कर रहे है, इनमें अर्पण की पवित्र त्रिवेणी अपने आप में अद्भूत और सिद्ध है।

13 दिसम्बर 1991 को बीमारी के चलते उनका महाप्रयाण हुआ। समय तय था किन्तु उनके समुचित ईलाज में सुधीर भाई के लिए सेवाधाम की प्राथमिकता भी बाधक बनी। अंकित का जीवन्त सम्पर्क अपने मोहल्ले में रहने वाले मुस्लिम, बोहरा, सिख परिवारों से था और वे मंदिर, मस्जिद, गुरूद्वारे जाते थे, उनके अंतिम यात्रा में वे लोग शामिल हुए जो गोयल परिवार से कम किन्तु अंकित से ज्यादा जुड़े थे।

बनारस के सुविख्यात और अनेक औद्योगिक घराने के गुरू मौनीबाबा जिनके साथ बाबा की उज्जैन यात्रा पर उनकी मुलाकात होती थी और वे उन्हें अपनी गोदी में खिलाते थे। अंकित के महाप्रयाण के समय दिल्ली में मूर्छित हो गए और दोनों का दिव्य मिलन हुआ, इस बात की जानकारी उनके शिष्यों ने अंतिम यात्रा के समय देकर रहस्योद्घाटन किया कि अंकित पूर्व जन्म में सिद्ध महात्मा थे और इतना ही समय हमारे परिवार के साथ निर्धारित था। यह सही भी है के आज भी सेवाधाम में यहां के पर्यावरण में जीवन्त है और राष्ट्र के आचार्य, भगवन्तों और महान संतों का आगमन भी शायद उन्हीं की प्रेरणा से हो रहा है।

वे अपने दादा स्व. सत्यनारायणजी और दादी स्व. सत्यवती देवी के साथ पूरे परिवार के चहेते थे उनके निधन के बाद बहन मानिका-गोरी पुत्र-पुत्री दोनों की भूमिका का निर्वाह कर रही है। उनके महाप्रयाण के बाद पिता ने कहा कि भगवान ने दिया प्रसन्न होना चाहिए और लिया तब भी इसी भावना से मृत्यु के तत्काल बाद बिछड़ौद ग्राम में पूर्व से प्रस्तावित नेत्र शिविर को पूर्ण किया और निरन्तर बिना विचलित हुए सामाजिक कार्यों को आगे बढ़ा रहे है।

पर्यावरण प्रेमी अंकित की पावन स्मृति में 1992 से निरन्तर सेवाधाम आश्रम में वर्षा मंगल महोत्सव का 3 दिवसीय आयोजन प्रांरभ हुआ जो एक दशक से 10 दिवसीय आयोजन और तीन दशक होते होते इस बार 39 दिवसीय ‘‘अंकितग्राम वर्षा मंगल राष्ट्रोत्सव’’ के रूप में सम्पन्न हो रहा है। वर्तमान समय तक सवा लाख पेड़ पौधों के साथ वे जनमानस में पर्यावरण का संदेश दे रहे है। पद्मभूषण डाॅ. शिवमंगल सिंह ‘सुमन‘ भी उन्हें बेहद प्यार करते थे उन्होंने ही इस महोत्सव को वर्षा मंगल नाम दिया।

आज सुधीर भाई और कांता भाभी के सैकड़ों बच्चे है जो उन्हें पिताजी और माॅं के नाम से पुकारते है और प्रेम से लिपट जाते है उस समय वे कहते है भगवान ने एक लेकर अनेक दिए- अंकित की स्मृतियों और कार्यों को नमन के साथ आज फिर प्रांरभ कर रहे है जो अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम सहित आसपास के ग्रामीण अचंलों में पौधारोपण के साथ सतत् चल रहा है। सुधीर भाई ने 350 से अधिक बच्चों और युवाओं को धर्मपिता के रूप में उनके आधार आदि में नाम दर्ज कराया।