‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम में आचार्य श्रीमद् वीररत्न विजय सूरीश्वर म.सा. के देवलोकगमन पर सभी ने मौन रख 11 णमोकार मंत्रों का जाप किया एवं इस अवसर पर 80 वर्षीय निराश्रित वृद्धा को आश्रम ने अपनाया।

पीड़ित मानवता की सेवा को समर्पित ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम में मालव विभूषण आचार्य श्रीमद् वीररत्न विजय सूरीश्वरजी म.सा. के देवलोकगमन पर सत्यवती महिला प्रकल्प में 11 णमोकार मंत्रों का जाप किया गया। सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई ने बताया कि शुक्रवार को इन्दौर में उनका समाधिपूर्वक देवलोकगमन हुआ, आप तिलकेश्वर पाश्र्वनाथ उपाश्रय में चातुर्मास कर रहे थे, आज उनका अंतिम संस्कार शिवपुर मातमोर में किया गया। आचार्यश्री शिवपुर जैन तीर्थ मातमोर के संस्थापक रहे एवं आपने 200 से अधिक जैन मंदिरों के साथ अनेक सेवा संस्थाओं को अपने आशीर्वचन से लाभ दिया, इस अवसर पर सेवाधाम के बच्चों, युवाओं एवं बुजुर्गों ने आचार्यश्री के देवलोकगमन पर दो मिनट का मौन रखकर उनके द्वारा किए गए कार्यों को याद कर 80 वर्षीय वृद्वा ग्यारसीबाई जिसके पुत्र की 2 माह पूर्व मृत्यु हो गई एवं वह वर्षा ऋतु में सड़क पर लावारिस भटकते देख थाना माधवनगर, उज्जैन की अनुशंसा पर प्रवेश देकर आश्रम परम्परानुसार मंगल तिलक, माला एवं मिष्ठान्न खिलाकर प्रवेश दिया। इस अवसर पर श्रीमती कांता भाभी, मालती देसाई एवं सेवानिवृत्त रैंजर अशोक पण्डित उपस्थित रहे।