पीड़ित मानवता की सेवा को समर्पित ‘अंकित ग्राम’, सेवाधाम आश्रम में स्वामी विवेकानन्द के निर्वाण दिवस पर ग्राम कंजड़ जिला बड़वानी निवासी आदिवासी 60 वर्षीय श्यामू जिनके दोनों पैर कट गए एवं एक हाथ से लाचार वृद्ध को सड़क पर दयनीय स्थिति में देख मुख्य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद अंजड़ ने आजीवन आश्रय हेतु सेवाधाम भेजा। सेवाधाम आश्रम संस्थापक सुधीर भाई ने बताया कि स्वामी विवेकानन्द के निर्वाण दिवस पर मुझे पुनः सेवा का अवसर मिला इस हेतु धन्यवाद।

आपने बताया कि ग्राम अंजड़ निवासी श्यामू जिनका सम्पूर्ण जीवन नारकीय हो गया था एवं वर्षा ऋतु में सड़क पर निराश्रित लावारिस भटक रहे थे को सतीश परिहार पेरालिगल वालिंयटर, विधिक सेवा अंजड़ जो कि पूर्व से सेवाधाम आश्रम के बारे में जानते थे उन्होंने मुझे बताया एवं वह आश्रम लेकर आए। बाबा की स्वयं सेवा सुधीर भाई ने अपने हाथों से साथियों के साथ की उन्हें नहलाया, नाखून कांटे एवं नवीन वस्त्र पहनाकर आश्रम परम्परानुसार मंगल, तिलक, माला एवं मिष्ठान्न खिलाकर प्रवेश दिया। श्यामूजी ने बताया कि मेरे परिवार में कोई नही है पत्नि व पुत्री की मृत्यु हो गई एवं एकमात्र पुत्र था जो कि रेत की खदान में दबकर मर गया और मेरे दोनों पैर कट गए। मैं इधर उधर भटकर, भीख मांगकर अपना जीवन बसर कर रहा था, मुझे नारकीय जीवन जीना पड़ रहा था, ऐसा लग रहा था कि अब मेरा कुछ नही हो सकता किन्तु आज मैं सेवाधाम में आकर बहुत ही प्रसन्न हूं और भगवान को धन्यवाद देता हूं कि शायद मेरे कोई पुण्य कर्म होंगे जो मुझे सेवाधाम जैसा परिवार मिला।