‘अंकितग्राम’, सेवाधाम आश्रम, उज्जैन में भगवान की ऐसी कृपा होगी यह कल्पना नही थी वरन…
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प्रेम, आत्मीयता और विश्वास की त्रिवेणी के साथ मानव सेवा-माधव सेवा ही यहां का मूल मंत्र है।
35 वर्षों से गंभीर बांध के समीप उज्जयिनी के पश्चिम द्वारा पर एक ऐसा अनुठा अनुकरणीय 700 से अधिक सदस्यों का परिवार है जहां जन्मजात बच्चों से लेकर 100 वर्ष तक के बुजुर्ग परस्पर एक दूसरे में प्रेम, आत्मीयता और विश्वास के साथ मानव सेवा-माधव सेवा के मुूल मंत्र के साथ अनाम प्रेम की धारा प्रवाहित कर रहे है। इस परिवार के मुखिया के रूप में सुधीर भाई ‘‘भाईजी’’ और कांता भाभी अपनी बेटियों मोनिका दीदी और गोरी दीदी के साथ रात-दिन परिवार के सुख, दुख और सुविधाओं की चिंता लेते है। सेवाधाम के इस परिवार में मालती देसाई, आशा परदेशी, सुभाष प्रधान, अखिलेश सोनी, संगीता खान, वंदना पाठक, अलका ताई, अमृता मां, लक्ष्मी, जमुना, बेबी गणेश, अवन्तिका, ज्योति, मुस्कान, सयंम जैन, सनी, प्रकाश, किशोर, सुमित, शाहरूख (राम), सुमित (बधिर), आकाश आदि जो यहां रहकर अपनी पूरी टीम के साथ यहां के विविध प्रकल्पों में सेवा, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलम्बन, पर्यावरण, भोजनशाला, गौशाला, लाण्ड्री स्वच्छता आदि में सम्पूर्ण व्यवस्थाऐं सम्हालते हुए अपनी सेवाऐं प्रदत्त कर रहे है। कार्यालयीन-प्रबंधन कार्य में शैलेन्द्र कुमावत के साथ पूरी सेवा सारथ्यिों की टीम लगी हुई है जो सुधीर भाई ‘‘भाईजी‘‘ के निर्देशन में सभी अपना-अपना दायित्व सम्हाले हुए है। इस वृहद परिवार में जाति, सम्प्रदाय, धर्म, रंग, क्षैत्र, भेद के कोई मायने नही है, यहां यह रहकर सम्पूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व कर रहे है। यहां हिन्दू, मुस्लिम, सिक्ख, बोहरा, ईसाई, बौद्ध, जैन अनेक धर्मों के मानने वाले इस परिवार में रहते है जो कभी इस बात का एहसास नही कराते कि हम एक दूसरे से अलग है। परिवार के स्वास्थ्य देखरेख में विश्व दिव्यांग दिवस 2023 से श्री विनोद भण्डारीजी के नेतृत्व में श्री अरविन्दों इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साईंस, इन्दौर के चिकित्सकों की टीम अपनी स्वास्थ्य सेवाऐं प्रदत्त कर रहे है। इनमें मनोरोग विभाग, दंत विभाग, फिजियोथैरेपी आदि प्रमुख होकर यहां बीमार आश्रमवासियों के ईलाज में मदद कर रहे है। इसके साथ ही साथ श्रीमंत माधवराव सिंधिया जिला चिकित्सालय, उज्जैन, महाराज यशवन्तराव हाॅस्पिटल, इन्दौर भी मदद करते है। इस आश्रम परिवार के जीवन को स्वस्थ बनाने के लिए विश्व के पहले योग विश्व विद्यालय, एस व्यासा, बैंगलोर के एफिलेशन से अंकितग्राम रिसर्च इंस्टीट्यूट आॅफ योगा एण्ड नेचरोपेथी (आर्यन) संस्था परिसर में प्रारम्भ किया गया है जिसमें योग्य योगाचार्य और चिकित्सक विभाग को सम्हाल रहे है।
इस परिवार को समय समय पर शंकराचार्यजी से लेकर भारत के अनेक जैनाचार्यों, धर्माचर्यों, मण्डलेश्वर, महामण्डलेश्वर, आचायों, कथा वाचको ने यहां आकर दर्शन एवं उद्बोधन दिए, यह एक प्रकार से विशिष्ठ उपलब्धि रही है। देश के प्रतिनिधियों सहित भारत के प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदीजी ने भी संस्था के कायों की सराहना की है।
इस परिवार में भारत शासन, मध्यप्रदेश शासन, विभिन्न संभागों एवं जिलों के जिला कलेक्टर्स, प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस अधिकारियों ने समय समय पर अवलोकन कर मार्गदर्शन प्रदत्त किया एवं महिला बाल विकास विभाग, सामाजिक न्याय विभाग, जेल, न्यायालय, बाल कल्याण समितियों, अस्पतालों आदि ने भी इस परिवार में अनेक बेघर बेसहारा, दिव्यांगों और पीड़ित सदस्यों को निरन्तर प्रवेश करा रहे है।
मातृ एवं परिवार दिवस पर सुधीर भाई ‘‘भाईजी’’ का कहना है-
मैं भाग्यशाली हूं कि मुझे और मेरे परिवार को हजारों माताओं का आशीर्वाद और उनका पुत्र होने का गौरव प्राप्त हुआ। मैं परमात्मा और सद्गुरू का धन्यवाद करता हूं कि वे इस परिवार की देखभाल एवं हर पल हमारे साथ खड़े होकर हमारा संरक्षण कर रहे है।
भाईजी का कहना है कि हम उन सब दानवीर भामाशाहों, समाजसेवकों, हित चिंतकों, कल्याण मित्रों और आलोचकों का ह्रदय से आभारी है जिन्होंने समय≤ पर इस परिवार की चिंता ली, उन्हीं के सहयोग से यह परिवार एकजुट होकर विश्व मानचित्र पर अपनी अनोखी पहचान बना पाया है।
भाईजी ने यह ंभी कहा कि यह एक ऐसा विलक्षण परिवार है जिसके 700 से ज्यादा सदस्यों में 500 से अधिक विविध मनोरोग से पीड़ित है इसके अतिरिक्त कैसर, टीबी, एचआईवी, दिव्यांग, बहु दिव्यांग, दृष्टिबाधित, मूकबधिर, संक्रमण रोगों के शिकार, गर्भस्थ शिशु, मानसिक विक्षिप्त महिलाऐं जो सड़कों पर दुष्कृत्य का शिकार आदि बेघर, बेसहारा, असहाय, निराश्रित, परित्यक्त सम्मिलित है जो कभी अत्यंत निरह स्थिति में दारूण दुख भोगते हुए सड़क, अस्पताल, बस रेलवे स्टेशनों पर पड़े होते है जिनसे बात करना तो दूर उनके पास खड़े रहना भी मुश्किल होता है इसमें भारत के अनेक प्रांतों के भाषी-संस्कृति के एक साथ रहते है यह भी एक अद्भूत संयोग है और इस परिवार से मिलने के लिए सैकड़ों लोग आकर गर्व का अनुभव करते है, यह भारत में एक ऐसा अनूठा परिवार जहां प्रेम, आत्मीयता और सेवा की त्रिवेणी प्रवाहमान हो रही है।
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