
असाामाजिक एवं अपराधिक तत्वों से परेशान है धर्मालुजन एवं धर्मप्रेमी जनता
इन्दौर को भिक्षावृत्ति मुक्त बनाने में जिला प्रशासन के साथ अंकित ग्राम, सेवाधाम आश्रम का महत्वपूर्ण योगदान
इंदौर को भिक्षुक मुक्त बनाने में अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम उज्जैन की महत्वपूर्ण भूमिका है, इंदौर कलेक्टर श्री आशीष सिंह द्वारा सेवाधाम आश्रम में अप्रैल 2024 से वर्तमान समय तक 595 भिक्षुक भेजे गए इन भिक्षुओं में अनेक प्रकार के व्यसन थे बीड़ी सिगरेट तंबाकू शराब मांस के साथ ही चरस गांजा भांग अफीम आदि की भी उनकी आदतें थी अत्यंत गंदगी में सने हुए और ऐसे ही वातावरण में जिनके पास में कई लोगों के पास में बैठना भी मुश्किल होता था ऐसे लोगों को सेवाधाम ने अपनाया जिनके बड़े-बड़े बाल बड़े-बड़े नाखून थे आश्रम संस्थापक सुधीर भाई गोयल ने कहा कि मैंने स्वयं ने अनेको के केश कर्तन के साथ स्नान, नवीन वस्त्र पहनाए एवं उन्हें अपना बनाया हमने किसी से भी किसी प्रकार की घृणा नहीं की क्योंकि हम विगत 36 वर्षों से ही ऐसे ही बेघर, बेसहारा लोगो को अपना रहे है लेकिन इंदौर के भिक्षा मुक्त अभियान में सेवाधाम की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान में 100 से अधिक भिक्षुक आश्रम में निवास कर रहे हैं शेष को उनके परिजनों को इंदौर कलेक्टर द्वारा निर्धारित शपथ पत्र और मापदंडों पर सोपा गया। आश्रम द्वारा इन भिक्षुओं को जीवन में आमूल परिवर्तन हुआ अनेक भिक्षुक आश्रम से जाते समय भाव विभोर हो गए यहां तक की कई सुधीर भाई गोयल जी से गले लगा कर रोने भी लगे आश्रम में उनके चाय नाश्ता दोनों समय स्वादिष्ट भोजन और अन्य प्रकार की सभी सुविधाएं दी गई जो कई महिनों से नहाए नही थे आज वह आम मनुष्य की भांति रोज स्नान करते हुए भगवान के भजन गाते है। अनेक लगवाग्रस्त एवं शारीरिक परेशानियों को आश्रम के वृहद फिजियोथैरेपी सेंटर में नियमित डाक्टरों के मार्गदर्शन में एक्सरसाईज कर अपने पैरों से चलने लगे है।
आज इन्दौर ने भिक्षुक मुक्त अभियान अंतर्गत अपनी एक अलग पहचान बनाई है इसका संपूर्ण श्रेय इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह, जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, गणमान्य जनता को जाता है जिनकी इच्छा शक्ति और महति भूमिका के कारण इन्दौर भिक्षावृत्ति मुक्त हो रहा है। इस कार्य में सेवाधाम ने भी अपनी विशेष भूमिका का निर्वाह किया। उज्जैन में भी निरन्तर भिक्षावृत्ति बढ़ रही है और भिक्षावृत्ति की आड में असामाजिक तत्व सक्रिय हुए है, यहां भी इस प्रकार के अभियान की सख्त आवश्यकता है ताकि भविष्य में आने वाले श्रद्धालुओं को कोपभाजन ना होना पड़े। इन्दौर भिक्षुक मुक्त बन भारत में पहला जिला बने यह एक अभिनव उनका जो प्रयास था उसे पूर्ण समर्थन इन्दौर की जनता ने दिया और अंकितग्राम, सेवाधाम आश्रम उज्जैन द्वारा निरन्तर दिया भिक्षुओं को आश्रम स्वीकार कर रहा है। अनेक भिक्षुक पढ़े लिखे समझदार ग्रेजुएट पोस्ट ग्रेजुएट लखपति और काफी साधन संपन्न धानाठ्य परिवारों के भी आए यहां की कई की जमीन जायदाद संपत्ति मकान अच्छे पढ़े लिखे बच्चे और यहां पर सरकारी नौकरी में है और अनेक भिक्षुक यहां पर आए जिनकी कल्पना करना ही बड़ा मुश्किल होता है इस प्रकार के लोगों अपने परिजनों से भिक्षावृत्ति करवाते हैं आश्रम निरंतर ऐसा प्रयत्न कर रहा है और इनको भिक्षुक मुक्त बनाने में भी आम भूमिका का निर्माण लगातार कर रहा है।
यहां तक कि एक पढ़ें लिखे इंजीनियर जो मीसा बंदी है आदतन भिक्षा वृति करते थे भी सेवाधाम आश्रम में है
इन्है आत्मनिर्भर बनाने एवं भिक्षावृत्ति ना करने का संकल्प प्रतिदिन दिलाया जाकर विविध प्रशिक्षण आश्रम के स्वयंसेवक प्रदान कर रहे है जिसमें रूई की मशीन से बत्ती बनाना, गोबर के दीपक, हस्तशिल्प, माला बनाना सिखाया जाकर अनेक वृद्धों को साक्षरता प्रदान कर रहे है।
अंकितग्राम, आश्रम संस्थापक सुधीर भाई ने बताया कि वर्तमान अनेक शिक्षित, पढ़े लिखे, लखपति भिक्षुक आश्रम में निवासरत है जिनमें नशे की आदि महिलाओं सहित सेक्स वर्कर के साथ मीसाबंदी जैसे भिक्षुक भी सम्मिलित अनेक वृद्ध दो बार अथवा तीन बार भिक्षावृत्ति करते हए पाए जाने पर पुनः सेवाधाम आश्रम में आए एवं सुधीर भाई ने उनके समग्र उत्थान एवं आजीवन सेवा का संकल्प लेकर उनका लालन पालन के साथ जीवन में भिक्षावृत्ति कभी नही करने की शपथ के साथ उन्हें जीवन जीने की कला सिखा रहे है एवं स्वालम्बी बन मेहनत से कमाई करने हेतु प्रेरित कर विभिन्न कार्य एवं विविध प्रशिक्षण सिखाए जा रहे है।